लक्ष्मण के मूर्छित होने पर वानर सेना में छाया शोक
सत्यखबर, नरवाना (सन्दीप श्योरान) :-
श्री रामा भारतीय कला केन्द्र के तत्वावधान में हुडा ग्राउंड में चल रही रामलीला के दसवें दिन मंचन अंतिम पड़ाव पर पहुंचा। रामलीला का शुभारम्भ देवेन्द्र जांगडा, कार्यकारी अभियंता व मनमोहन मित्तल ठेकेदार विधिवत रूप से किया गया। मां दुर्गा की महाआरती व 51 कन्याओं को प्रसाद वितरण पश्चात मंचन प्रारम्भ हुआ। जिसमें लंका दहन, राम-विभीषण मित्रता, अंगद का रावण के दरबार में पांव जमाना, युद्ध का प्रारम्भ, लक्ष्मण-मेघनाद युद्ध, लक्ष्मण मूर्छा व हनुमान द्वारा हिमालय से संजीवनी बूटी लाना था। प्रसंगों में सबसे अधिक महत्वपूर्ण लक्ष्मण-मेघनाद युद्ध रहा। राक्षसों और वानरों के युद्ध से सभी दिशाओं में कोलाहल हो गया। दोनों ही महारथी हार मानने को तैयार नहीं थे और एक-दूसरे के अस्त्रों को काट रहे थे। अंत में मेघनाद ने ब्रह्मास्त्र द्वारा लक्ष्मण पर प्रहार किया और लक्ष्मण मूर्छित हो गिर पड़े। वानर पक्ष में शोक छा गया और श्रीराम नाना प्रकार से प्रलाप करने लगे। विभीषण के सुझाव पर वैद्य सुषेण को बुलाया गया तथा वैद्य ने सुबह तक संजीवनी बूटी लाने की बात कही। वीर हनुमान यह कार्य शिरोधार्य कर हिमालय से संजीवनी बूटी लाने में सफल होते हैं और वैद्य सुषेण के प्रयासों से लक्ष्मण के प्राण लौट आते हैं। श्रीराम अपने भाई लक्ष्मण और हनुमान को गले लगाते हैं। यह दृश्य देखकर दर्शक भाव विह्ल हो उठते हैं और जय श्रीराम व जय हनुमान के नारों से पूरा पंडाल गुंजायमान हो उठता है। संदीप जाखड़, ध्रुव, वेद अरोड़ा व नरेन्द्र ने अपने सशक्त अभिनय से खूब तालियां बटोरी। प्रधान भारतभूषण गर्ग व प्रवक्ता अचल मित्तल ने बताया कि रावण के 51 फुट के पुतले का दहन किया जाएगा व राजतिलक का आयोजन भव्य रूप से किया जाएगा। इस अवसर पर लक्ष्मण देव आर्य, भारतभूषण गर्ग, अचल मित्तल, राजीव गर्ग, रोहताश सिंगला, अशोक बंसल, पंकज सिंगला, दयाचंद, अरविंद गर्ग, बलदेव, आदि लोग उपस्थित रहे।